अभी से ही गंगासागर में उमड़ने लगा जन आस्था का सैलाब 
जल-थल मार्ग में सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था

सागर में लगा सकते हैं 22 लाख पुण्यार्थी डूबकी

सगरद्वीप से लौटकर 

जगदीश यादव/ फिरोज/जाकीर

सगरद्वीप। गंगासागर में मकर संक्रांती के पुण्य स्नान के लिये अभी भी एक सप्ताह से ज्यादा का वक्त है लेकिन गंगासागर में जन आस्था का सैलाब धीरे धीरे उमड़ने लगा है। कचुबेरिया से ही तीर्थयात्रियों का रेला देखा जा रहा है। जहां देखों वहां ही तीर्थयात्रियों का जत्था भक्ति भवना के साथ सगरद्वीप की पवित्र धरती पर कदम रखकर अपने आप को निहाल समझ रहा था। वहीं कपिलमुनि मंदिर रंगीन प्रकाश सज्जा में जगमग कर रहा है तो बचे काम को युद्ध स्तर पर निपटाया जा रहा है। । तमाम नगा साधु समाज के लोगों का एक अलग संसार भी यहां बस गया है।वैसे इस बात में कोई भी शक नहीं है कि गंगासागर में अब व्यवस्था दुरुस्त है।सड़क हो या बिजली, पेयजल और शौचालय, आज शनिवार को लगभग हर व्यवस्था दुरुस्त ही कहा जा सकता है। हलांकि मेले के लिये अभी भी तैयारी सौ फिसदी पुरी नहीं हो सकी है लेकिन युद्धस्तर पर दिन-रात रात काम चल रहा है। हुगला के यात्री निवास का काम भी तेज रफ्तार में चल रहा था तो रंगरौगन के काम से लेकर प्रकाश व्यवस्था का काम भी गति पर दिखा। अखिल भारतीय श्री पंचरामानंदी निर्माण अखाड़ा व कपिल मुनि मंदिर के मंहत ज्ञानदास के उत्तराधिकारी संजय दास ने बताया कि उन्हें उम्मीद है कि इस साल संगम में मकर संक्रांती के अवसर पर कम से कम 20 से 22 लाख पुण्यार्थी पुण्य स्नान करेंगे। उन्होंने गंगा सागर मेला पर सरकार की पीठ थपथपाते हुए कहा कि हर तरह की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि उनके अनुमान के अनुसार हाजरों की संख्या में लोग सागरद्वीप में आकर भीड़ से बचने के लिये पुण्य स्नान कर रहें हैं। उन्होंने कहा कि 14  जनवरी की सुबह 6.09 बजे लेकर 15 जनवरी की शाम 6.05 बजे तक मकार संक्रांति का पुण्य स्नान काल है।  एक सवाल पर संजय दास ने कहा कि फिलहाल अगर यहां सेतू बन जाये तो तीर्थ यात्रा और ज्यादा सुगमतापूर्वक होगी।  तीर्थ यात्रा आयोजन पर उन्होंने कहा कि पु्ण्यार्थियों को किसी बात से डरने की जरुरत नहीं हैं और वह लोग बे खौंफ होकर यहां पुण्य स्नान करें लेकिन वह लोग किसी लावारिस सामान को हाथ नहीं लगाये। एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि यहां वीआईपी वीवीआईपी आते हैं लेकिन उनके कारण आम लोगों को परेशानी का सामना भी करना पड़ता है। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि राज्य सरकार की व्यवस्था व सुरक्षा चुस्त व चाक चौबंद है।अभी से ही यहां पुलिस, टतरक्षक, बीएसएसएफ के जवान तैनात दिखें। एक पुलिस के कर्मी ने नाम की गोपनियता पर बताया कि अभी से ही गंगासागर केन्द्र व राज्य के खुफिया एजेंसियों की निगाह में है। जिला प्रसाशन सूत्रों ने बताया कि हर साल की तरह इस साल भी यहां पुण्यार्थियों के लिये पेयजल के पाउच पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होंगे। तमाम एनजीओ के शिविरों के निर्माण का काम भी लगभग पुरा हो रहा है। वहीं दक्षिण चौबीस परगना जिले अधकारियों की माने तो एक बार फिर जिला प्रशासन सह राज्य सरकार की व्यवस्था को बेहतर होगी। कि मेले में सुरक्षा व्यवस्था हो या फिर निर्मल स्नान पुण्य स्नान के तहत साफ सफाई से लेकर तमाम व्यवस्था दुरुस्त है। वहीं पुलिस सूत्रों का कहना है कि अभीतक सागरद्वीप से कई उचक्कों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस के आला अधिकारी से लेकर तमाम स्तर के लगभग 10 हजार पुलिस कर्मियों के कंधे पर यहां की सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेवारी होगी । इसके अलावा यहां हेलिकप्टरों से मेले पर निगाह रखे जाने की खबर भी है लेकिन इसकी पुष्टी नहीं हो सकी थी।। सैकड़ों सीसीटीवी कैमरे की जद में यहां पर सब होंगे। जल से लकेर थल मार्ग पर भी सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था है।वाच टावरों से तमाम मेले पर निगाह रखी जाएगी।  वैसे तो करीब साढ़े तीन लाख की आबादी वाला सागरद्वीप वर्ष भर सूना पड़ा रहता है,लेकिन मकर संक्रांति आते ही यह दुधिया रोशनी से जगमगा उठता है। इस मौके पर यहां लगने वाले गंगासागर मेले में हर बार की तरह विविध तरह के साधु-सन्यासी पहुंच चुके हैं। रंग-बिरंगे खिलौने और तरह-तरह के सामान से अटी दुकानों की कतार सजने लगी है। सागरतीर्थ का इतिहास बेहद समृद्ध है। इसमें किवंदंतियों से लेकर तमाम ऐतिहासिक साक्ष्य भी मौजूद है। पर, इन सभी के ऊपर आस्था सबसे भारी है। वैसे अगर बात देश की सेना के जवानों की करे तो जवान हर अवसर का फायदा उठाने से नहीं चुकते हैं। हर समय जिन्दादिली के साथ अनुशासन की जिन्दगी  जिने वाले सेना के जवान गंगासागर मेला की सुरक्षा व्यवस्था के लिये तैनात हैं। हमारी टीम ने यहां तैनात सेना के जवानों की गतिविधियों पर कुछ देर तक नजर रखा तो पता चला कि जिन्दादिली का जीवन क्या होता है। जहां कुछ जवान मेला सह मंदिर परिसर में तैनात थे। ऐसे भी जवान थे जो पुण्यार्थियों को इस बात के लिये गाइड करते दिखें कि स्वछता का ख्याल रखा जाये। ऐसे भी जवान थे जो कपिलमुनि की भक्ति में लीन रहें।वहीं आज सागर द्वीप में भी महिलाओं के गहनों के प्रति आकर्षित देखा गया। वह लोग प्लास्टीक के मोतियों की माला व शंख को बड़ा चाव से मोल-दर करने के बाद खरीद रहें थें। तो ऐसे भी सेना के कुछ जवान थें जो राशन से लेकर सब्जियों की खरीदारी में भी जुटे रहें।सागरद्वीप में तैनात एक जवान कहा कि हमे जहां के लिये आर्डर मिला वहां तैनात हो गये।

 
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