देना होगा 14 दिन के भीतर कालेज के कागजात

कोलकाता। विधानसभा चुनाव के दौरान चुनाव आयोग के पास दाखिल कराई गई शिक्षा की कथित फर्जी डिग्री के मामले में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष की मुश्किलें बढ़ गई हैं। आज हाईकोर्ट के अस्थाई मुख्य न्यायाधीश विश्वनाथ समाद्दार और अरिंदम मुखर्जी की खंडपीठ ने फर्जी डिग्री मामले की सुनवाई करते हुए 14 दिन के भीतर दिलीप घोष को रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। साथ ही चुनाव आयोग से भी दिलीप घोष के शैक्षणिक योग्यता से सम्बंधित जमा दस्तावेज की रिपोर्ट जल्द से जल्द पेश करने का निर्देश दिया है। याचिकाकर्ता अशोक सरकार का दावा है कि वर्ष 2016 के विधानसभा चुनाव के दौरान चुनाव आयोग के पास दिलीप घोष ने जो दस्तावेज जमा कराए हैं, उसमें उन्होंने कहा है कि झाड़ग्राम जिले के पॉलिटेक्निक कॉलेज से उन्होंने डिप्लोमा की पढ़ाई पूरी की है। आरटीआई के जरिए यह पता चला है कि दिलीप घोष ने दस्तावेजों में जिस कॉलेज का नाम दर्ज कराया है, उसमें उन्होंने कभी भी पढ़ाई नहीं की है। इसका मतलब यह हुआ कि उनकी डिप्लोमा की डिग्री फर्जी है। शुक्रवार को इस मामले की सुनवाई के बाद न्यायाधीश ने दस्तावेजों से सम्बंधित रिपोर्ट तलब की है।

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