कोलकाता। कहते हैं कि आखिर बूरा काम का परिणाम बूरा ही होता है। नदिया जिले की नवदीप थाने की पुलिस ने खुद को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का सचिव बताने वाले एक ठग तापस बनर्जी को इस्कान मंदिर के पुरोहित की शिकायत पर गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बताया कि तापस बनर्जी खुद को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का सचिव बताकर विश्वविख्यात कृष्ण मंदिर इस्कॉन से तमाम तरह की सुविधाएं लेता था। इतना ही नहीं तापस द्वारा पावर की धौंस जमाकर कई लोगों से जमीन खरीद में निवेश के नाम पर करोड़ों रुपये की ठगी करने वाले एक शातिर के बारे में खुलासा हुआ है। उसका नाम तापस बनर्जी है। इस्कॉन मंदिर के मुख्य पुरोहित तरुणगौर हरिदास ने नदिया जिले के नवदीप थाने में संबंधित शिकायत दर्ज कराई गई है। पुलिस के पास दर्ज अपनी शिकायत में तरुण गौर हरिदास ने बताया कि तापस बनर्जी सबसे पहले 15 मार्च 2014 को मायापुर में आया था। वह तब नीली बत्ती लगी हुई गाड़ी में आया था। उसने अपना परिचय मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सचिव के रूप में दिया था, इसलिए इस्कॉन मंदिर प्रबंधन की ओर से उसे तमाम तरह की सुविधाएं मुहैया कराई गई। कई लोगों से उसका परिचय भी कराया गया, जिसमें कई धनाढ्य उद्योगपति थे। उसके बाद उस पर विश्वास करके लोगों ने जमीन खरीद के लिए उसके व्यक्तिगत परियोजनाओं में करोड़ों रुपये का निवेश किया। 12 फरवरी 2015 को वह दोबारा मायापुर मंदिर पहुंचा था। उस समय भी उसकी गाड़ी पर नीली बत्ती लगी हुई थी।सीएम का सचिव समझकर इस्कॉन मंदिर की ओर से उसे तमाम तरह की सुविधाएं फिर दी गई थी। बाद में वर्ष 2018 के दिसंबर महीने के अंतिम दिनों में मंदिर प्रबंधन को इस बात की जानकारी मिली कि मुख्यमंत्री के सचिवों में तापस बनर्जी नाम का कोई व्यक्ति शामिल नहीं है। इसके बाद बिना देरी के मुख्य पुरोहित तरुण गौर हरी दास ने नवदीप थाने में शिकायत दर्ज कराई तब उसे गिरफ्तार किया गया।

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