आईआईटी के इंजीनियरों का दावा मजबूत है मार्केट की दीवारे
नगर निगम को पेश की गई रिपोर्ट का खुलाशा
हादसे में दिवालिया हुए व्यवसायिओं में खुशी की लहर

कोलकाता। राज्य में इस वर्ष के भीषण अगलगी की घटनाओं में अन्यतम बागड़ी मार्केट अग्निकांड की याद आजतक लोगों के जेहन में है। अच्छी खबर तो यह है कि इस भयावह अग्निकांड के शिकार हुए बड़ा बाजार के थोक दवा विक्रेता केंद्र बागड़ी मार्केट की इमारत को तोड़ने की जरूरत नहीं पड़ेगी। आईआईटी के इंजीनियरों ने कोलकाता नगर निगम को भेजी अपनी रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया है। ऐसे में खबरों की माने तो उक्त खबर से हादसे में दिवालिया हुए व्यवसायिओं में खुशी की लहर देखी जा रही है। आज नगर निगम सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार आईआईटी खड़गपुर और आईआईटी रुड़की की संयुक्त टीम ने बड़ा बाजार के 71 नंबर कैनिंग स्ट्रीट में स्थित 6 मंजिला इमारत की बागड़ी मार्केट का मुआयना किया था। विशेषज्ञों की टीम ने इमारत की दीवारों, कमरों और अन्य जगहों का दौरा कर उसकी मैपिंग की थी। करीब 2 महीने की समीक्षा के बाद आईआईटी ने अपनी रिपोर्ट में इस बात का स्पष्ट उल्लेख किया है कि भयावह अग्निकांड के शिकार होने के बावजूद इमारत की दीवारें मजबूत हैं। इन्हें तोड़ने की जरूरत नहीं पड़ेगी बल्कि थोड़ी बहुत मरम्मत और कुछ संरचनाओं में बदलाव के बाद इसे दोबारा वाणिज्य इस्तेमाल के लिए खोला जा सकेगा। उल्लेखनीय है कि गत 16 सितंबर को 6 मंजिला इमारत में भयावह आग लग गई थी। इसकी भयावहता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इमारत में लगी आग को बुझाने में 84 घंटे का समय लगा था जिसमें जलकर यहां मौजूद करीब 1000 दुकानें और गोदाम खाक हो गए थे। सैकड़ों करोड़ रुपये की दवाइयां और अन्य सामान जल गए थे। अग्निशमन विभाग के 250 कर्मियों ने लगातार कोशिश की थी जिसके बाद आग को बुझाया जा सका था। घटना के बाद इस बात का खुलासा हुआ था कि अग्निशमन व्यवस्था पुख्ता नहीं होने के बावजूद नगर निगम ने ट्रेड लाइसेंस की अनुमति दे दी थी। वारदात के बाद बड़ा बाजार थाने की पुलिस ने बागड़ी मार्केट की मालकिन राधा बागड़ी, उनके बेटे वरुण राज बागड़ी और मार्केट के सीईओ कृष्ण कुमार कोठारी के खिलाफ गैर जमानती धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था। घटना के ढाई महीने बीतने के बाद भी आज तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया जा सका है। नगर निगम सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आग लगने के 4 दिन बाद 20 सितंबर को आईआईटी इंजीनियरों की टीम ने घटनास्थल का दौरा किया था और नमूने संग्रह किए थे। इसके बाद नगर निगम को भेजी अपनी रिपोर्ट में विशेषज्ञों ने स्पष्ट किया है कि इमारत के सभी हिस्सों में फायर डिटेक्टर, स्मोक डिटेक्टर, आपातकालीन निकासी और जल संग्रह की पुख्ता व्यवस्था करने के बाद क्षतिग्रस्त दीवारों की मरम्मत और बिजली आपूर्ति सुरक्षित तरीके से किए जाने के बाद इसे वाणिज्यिक इस्तेमाल के लिए दोबारा खोला जा सकता है। नगर निगम की ओर से बताया गया है कि विशेषज्ञों की सलाह के अनुसार नगर निगम की टीम इसकी मरम्मत कराने और जल्द से जल्द इसे दोबारा खोलने में जुट गई है।

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