कोलकाता। जिस बात की आशंका व चर्चा का दौर विधानसभा चुनाव के समय से चल रहा था। वह शायद हकिकत में बदल गया  है। ममता बनर्जी सरकार के गठन व शपथ के पूर्व ही कई आईपीएस व आईएएस अधिकारियों पर जहां गाज गिरी है। वहीं कईयों को उनके पुराने पद पर बहाल किया गया है। आईपीएस ध्रुव ज्योति दे (डीसी ईएसडी), रशिद मुनिर खान (एसपी द. दिनाजपुर) संतोष पाण्डेय (डीसी एसएसडी), सुमनजीत राय (डीसी एसई) सहित कईयों को कंपलसरी वेटिंग पर भेजा जा रहा है । वहीं जिस आईपीएस अधिकारी भारती घोष पर चुनाव आयोग की गाज गिरी थी उन्हें उनके पुराने पद पर बहाल किया गया है। यानी भारती घोष प. मेदिनीपुर की एसपी होंगी। इसके अलावे तन्मय राय चौधरी को (एसपी) उ. चौबीस परगना, कुणाल अग्रवाल को (एसपी) वर्दवान, जबकि बीरभूम के एसपी के पद भी फिर से मुकेश कुमार व मालदा एसपी के पद पर प्रसुन बांदोपाध्याय  को लाया गया है। उक्त अधिकारियों पर भी चुनाव आयोग के तेवर तल्ख हुए थें।इसी तरह से दक्षिण चौबीस परगना के डीएम के रुप में पीबी सलीम को लाया जा रहा है। सलीम को  आयोग ने चुनाव के समय उनके पद व चुनावी क्रियाकलापों से अलग किया था।

ज्ञात हो कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के छठे और अंतिम चरण के लिए  मतदान से पूर्व चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल सरकार से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा था कि आईपीएस अधिकारी भारती घोष मतदान संपन्न होने तक अपने ड्यूटी स्टेशन से कहीं न जाएं। चार अप्रैल को चुनाव शुरू होने से पहले ही घोष को विशेष कार्य अधिकारी के पद से अपराध जांच विभाग (कोलकाता) के विशेष अधीक्षक के रूप में कर दिया गया था। उल्लेखनीय है कि मार्च के प्रारंभ में चुनावी अधिसूचना जारी होने के बाद शुरू हुई लंबी चुनावी प्रक्रिया के दौरान 60 से अधिक पुलिसकर्मियों को उनके पदों से हटा कर उन्हें अधिकार विहीन कर दिया गया था।

 

 

 

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