कहा, पुलिस मुख्यालय में बैठक की सीसीटीवी फुटेज भी पेश करे

आज भगवा खेमा न्याय के मंदिर में पेश करेगी तारीख

कोलकाता। राज्य में भाजपा की रथयात्रा को लेकर लगातार तनातनी व माथापच्ची जारी है। जहां भगवा खेमा किसी भी हाल में रथयात्रा को अंजाम देना चाहती वही राज्य सरकार रथयात्रा की राह में रोडा़ डाल रही है। ऐसे में अब भगवा खेमा के सामने कोर्ट का ही सहारा बचा है। भगवा खेमा के राज्यव्यापी रथ यात्रा को लेकर भाजपा और राज्य सरकार में जारी खींचतान के बीच आज कलकत्ता उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने भाजपा को पहली तीन रथयात्राओं की तारीख बताने को कहा है। इसके साथ ही अदालत ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर गत 13 दिसंबर को लालबाजार स्थित कोलकाता पुलिस मुख्यालय में राज्य सरकार के प्रतिनिधियों और भाजपा नेताओं के बीच हुई बैठक का सीसीटीवी फुटेज देने को कहा है।आज न्यायमूर्ति तपोव्रत चक्रवर्ती की एकल पीठ में भाजपा द्वारा लगाई गई अनुमति संबंधी याचिका पर सुनवाई शुरू हुई। इस दौरान न्यायाधीश ने राज्य सरकार के महाधिवक्ता किशोर दत्त और भाजपा के अधिवक्ताओं की दलीलें सुनने के बाद निर्देश दिया कि बुधवार को भाजपा अपनी पहली तीन रथयात्राओं की तारीख तय कर कोर्ट में जानकारी दे। इसके साथ ही राज्य सरकार को भी निर्देश दिया है कि लालबाजार स्थित पुलिस मुख्यालय में हाईकोर्ट की डिविजन बेंच के निर्देशानुसार जो बैठक की गई, उसका वीडियो फुटेज बुधवार तक जमा कराया जाए। मामले की अगली सुनवाई बुधवार को होनी है। गौरतलब है कि सोमवार शाम संवाददाताओं को संबोधित करते हुए प्रदेश भाजपा के महासचिव सायंतन बसु ने बताया था कि भाजपा अपनी पहली तीन यात्राएं 22, 24 और 26 दिसंबर को क्रमश: कूचबिहार, दक्षिण 24 परगना के गंगासागर और बीरभूम के तारापीठ से निकालना चाहती है। हालांकि सोमवार को जो न्यायालय में याचिका लगाई गई थी, उसमें इन तारीखों का जिक्र नहीं किया गया था।इसलिए न्यायालय ने निर्देश दिया है कि बुधवार तक तारीखों के बारे में लिखित में जानकारी दी जाए। उधर, राज्य प्रशासन की ओर से भाजपा नेतृत्व व राज्य सरकार के प्रतिनिधियों के बीच हुई बैठक का वीडियो फुटेज जमा कराने के बाद न्यायालय उसे देखेगा और उसमें भाजपा नेतृत्व तथा राज्य सरकार के प्रतिनिधियों के बीच हुई बातचीत के आधार पर राज्य सरकार के फैसले को परखा जाएगा जिसके बाद रथयात्राओं को अनुमति देने पर निर्णय होगा। पूर्व में उच्च न्यायालय की डिविजन बेंच में मामले की सुनवाई हुई थी और न्यायालय ने निर्देश दिया था कि पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव मलय दे, गृह सचिव अत्री भट्टाचार्य और पुलिस महानिदेशक विरेंद्र कुमार भाजपा के तीन प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर रथयात्राओं पर रुख स्पष्ट करें। इसी के अनुसार गत 13 दिसंबर को लालबाजार पुलिस मुख्यालय में बैठक हुई थी जिसमें भाजपा की ओर से प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष, प्रदेश प्रभारी और राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय तथा मुकुल रॉय शामिल हुए थे।बैठक के बाद गत शनिवार को राज्य सरकार की ओर से भाजपा को चिट्ठी देकर स्पष्ट किया गया है कि ऐसी खुफिया रिपोर्ट मिली है कि भाजपा की रथयात्राओं को केंद्र कर राज्यभर में सांप्रदायिक संघर्ष की घटनाएं घट सकती हैं इसलिए रथयात्राओं को समग्र तौर पर अनुमति नहीं दी जाएगी। अगर भाजपा चाहे तो हरेक जिले में नए सिरे से आवेदन कर सकती है। अगर प्रशासन को लगेगा की अनुमति दी जानी चाहिए तो दी जाएगी। राज्य सरकार के इस फैसले के खिलाफ सोमवार को भाजपा की ओर से उच्च न्यायालय में नए सिरे से याचिका लगाई गई थी जिस पर आज सुनवाई हुई।
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