कोलकाता। साल 2019 में होने वाले आम चुनाव से पहले राज्य के सभी 42 लोकसभा केंद्रों में रथयात्रा निकालने के लिए भाजपा के सामने आ रहीं कानूनी अड़चनें कम नहीं हो रही। आज भाजपा ने रथ यात्राओं की अनुमति नहीं देने संबंधी राज्य सरकार की चिट्ठी के खिलाफ याचिका लगाकर अनुमति देने की मांग की है। अधिवक्ता रामप्रसाद सरकार ने भी भाजपा की इस रथयात्रा के खिलाफ कलकत्ता उच्च न्यायालय में जनहित याचिका लगाई है, जिसे स्वीकार कर लिया गया है। याचिका पर मंगलवार को सुनवाई होने की संभावना है। अधिवक्ता रामप्रसाद ने न्यायालय के सामने दाखिल कराई गई अपनी याचिका में कहा है कि भाजपा की इस यात्रा से राज्य में सांप्रदायिक संघर्ष की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। यात्रा में शामिल होने वाले हिंदूवादी संगठनों के कथित पूर्ववर्ती रिकॉर्ड का जिक्र करते हुए आशंका जताई गई है कि पूरे राज्य में कानून- व्यवस्था की परिस्थिति चुनौतीपूर्ण होगी। ऐसे में भाजपा को किसी भी तरह की रथयात्रा निकालने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। उल्लेखनीय है कि 15 दिसम्बर को ही पश्चिम बंगाल सरकार ने प्रदेश भाजपा को चिट्ठी देकर स्पष्ट किया है कि रथयात्रा की अनुमति नहीं दी जा सकती है। इसके स्पष्टीकरण के तौर पर प्रदेश भाजपा को बताया गया कि राज्य सरकार को ऐसी खुफिया सूचना मिली है कि रथयात्राओं को आधार बनाकर सांप्रदायिक हिंसा की घटनाएं घट सकती हैं। इसके खिलाफ आज भाजपा ने न्यायमूर्ति तपोव्रत चक्रवर्ती की अदालत में याचिका लगाकर अनुमति देने और राज्य सरकार के फैसले को रद्द करने की मांग की है। इस बीच अधिवक्ता रामप्रसाद सरकार की ओर से इस रथयात्रा को अनुमति नहीं देने की मांग संबंधी याचिका कोर्ट में स्वीकार किए जाने के बाद साफ है कि भाजपा की रथयात्रा की राह आसान होने वाली नहीं है।

Spread the love
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •