कहा, अभिषेक बनर्जी के खिलाफ 18 तक नहीं करें टिप्पणी

कोलकाता।पहले से ही कई मामलों में प्रदेश भाजपा के प्रभारी और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय दिक्कतों का समना कर रहे है। अब हो सकता है कि कानूनी पचड़े के कारण उनकी मुश्किलें और बढ़े। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने  प्रदेश भाजपा केकी मुश्किलें बढ़ा दी है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे और डायमंड हार्बर से तृणमूल सांसद अभिषेक बनर्जी की याचिका पर आज सुनवाई करते हुए न्यायाधीश सोमेन सेन ने निर्देश दिया कि आगामी 18 जनवरी तक कैलाश विजवर्गीय अभिषेक बनर्जी के खिलाफ हमला नहीं बोल सकेंगे। मामले की अगली सुनवाई 18 जनवरी को होगी और तब तक यह अंतरिम स्थगन आदेश जारी रहेगा। उस दिन न्यायालय इस पर अपना रुख स्पष्ट करेगा। गत 28 नवम्बर को नदिया जिले के शांतिपुर में जहरीली शराब पीने से 12 लोगों की मौत हो गई थी। घटना के दूसरे दिन कैलाश विजवर्गीय भाजपा के वरिष्ठ नेता मुकुल रॉय के साथ शांतिपुर पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने पश्चिम बंगाल सरकार और अभिषेक बनर्जी पर कटाक्ष करते हुए कहा था कि राज्य में जो वैध तरीके से शराब की बिक्री होती है, उसका रुपया ममता बनर्जी की जेब में जाता है। जबकि राज्य भर में अवैध तरीके से लाखों शराब के ठेके चलते हैं, इसका रुपया अभिषेक बनर्जी की जेब में जाता है। शांतिपुर के लोगों की मौत की जिम्मेवारी अभिषेक बनर्जी को लेनी होगी।इसके बाद एक दिसम्बर को अभिषेक बनर्जी ने अपने वकील संजय बसु के जरिए कैलाश विजयवर्गीय को कानूनी नोटिस भेजकर 72 घंटे के अंदर माफी मांगने को कहा था। लेकिन माफी मांगना तो दूर की बात उल्टे कैलाश विजवर्गीय ने अभिषेक पर आरोप लगाया था कि ना केवल शराब बल्कि अवैध बालू खनन, कोयला चोरी, गौ‌ तस्करी, हथियार तस्करी आदि में भी अभिषेक बनर्जी का हाथ रहता है।
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