कोलकाता। राज्य के सभी जिलाधिकारियों को भी परीक्षा देनी होगी लेकिन यह परीक्षा नौकरी की नहीं बल्कि लोकसभा चुनाव से पहले सुचारू तरीके से मतदान प्रक्रिया को संपन्न कराने के लिए होगी। राज्य चुनाव आयोग सूत्रों के हवाले से आज इसकी पुष्टि कर दी गई है। बताया गया है कि फरवरी महीने में चुनाव आयोग इनकी परीक्षाएं लेगा और बेहतर प्रदर्शन करने वालों को सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा जो भविष्य में चुनाव संचालन प्रक्रिया में मददगार साबित होगा। बताया गया है कि लोकसभा चुनाव प्रक्रिया को सुचारू तरीके से संपन्न कराने में जिलाधिकारी कितने दक्ष हैं, यह जांचने के लिए यह परीक्षा होंगी। हालांकि उसके पहले सभी जिले के अधिकारियों को ट्रेनिंग दी जायेगी और उस ट्रेनिंग के हिसाब से किसने कितना अधिक समझा, यह जांचने के लिए फरवरी के अंतिम सप्ताह में परीक्षा होगी जिसके बाद उन्हें सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा।गौर करने वाली बात यह है कि मतदाता सूची संशोधन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। आगामी 4 जनवरी को नई मतदाता सूची प्रकाशित होगी। ऊपर से पांच राज्यों का विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद लोकसभा चुनाव की तैयारियां अब जोर-शोर से शुरू हो जाएंगी। इसके पहले आगामी 18 दिसंबर को राज्य चुनाव आयोग के कार्यालय में निर्वाचन अधिकारियों, जिलाधिकारियों और रिटर्निंग ऑफिसर्स की अहम बैठक होगी। इसके बाद आगामी 7 जनवरी को “सर्टिफिकेशन प्रोग्राम फॉर रिटर्निंग ऑफिसर्स” की शुरुआत हो जाएगी। पश्चिम बंगाल में रिटर्निंग ऑफिसर के रूप में जिलाधिकारी, अतिरिक्त जिलाधिकारी और अन्य आईएएस अधिकारी काम करते हैं। क्योंकि राज्य में 42 लोकसभा सीटें हैं इसलिए 42 रिटर्निंग ऑफिसर्स भी हैं। इनके लिए 7 चरणों में ट्रेनिंग प्रक्रिया पूरी की जाएगी जो 22 फरवरी तक चलेगी।