स्थानीय पार्षद पार्षद प्रणव विश्वास ने छड़ो पार्षद का पद

कोलकाता।  राज्य के शहरी विकास और अग्निशमन मामलों के मंत्री फिरहाद हकीम ने कोलकाता के मेयर के रूप में गत सोमवार को ही शपथ ली है। अब छह महीने के अंदर उन्हें कोलकाता के किसी न किसी वार्ड से पार्षद का चुनाव जीत कर आना होगा। इसके लिए पार्टी के निर्देश पर 82 नंबर वार्ड के पार्षद प्रणव विश्वास ने पार्षद का पद छोड़ा दिया है। उन्होंने आज नगर निगम की चेयरपर्सन माला रॉय को अपना इस्तीफा पत्र सौंप दिया। दावा किया जा रहा है कि यहीं से फिरहाद हकीम चुनाव लड़ेंगे। दरअसल साल 2015 से पहले फिरहाद इसी वार्ड के पार्षद थे एवं साल 2010 में जब नगर निगम का चुनाव हुआ था तब उन्होंने 82 नंबर वार्ड से जीत दर्ज की थी लेकिन इसके बाद जब साल 2011 के विधानसभा चुनाव में वे विधायक चुन लिये गये। उन्हें ममता बनर्जी के मंत्रिमंडल में जगह मिली और उसके बाद से लगातार दो बार उन्हें राज्य का शहरी विकास मंत्री बनाया गया है। साल 2015 में जब नगर निगम का अगला चुनाव हुआ तब उन्होंने पार्षद का चुनाव नहीं लड़ा। उस समय उन्हीं के सुझाव पर उनके वार्ड के नेता प्रणव विश्वास को पार्षद का टिकट दिया गया और उन्होंने जीत दर्ज की थी। अब जब एक बार फिर फिरहाद हकीम को पार्षद बनने की जरूरत है तो उन्हें उनके पुराने वार्ड से ही लड़ाने की रणनीति तृणमूल कांग्रेस ने बनाई है ताकि उनकी जीत सुनिश्चित रहे और किसी भी तरह से उन्हें मेयर पद पर बनाए रखने की राज्य सरकार की कोशिशों को झटका नहीं लगे।निगम सूत्रों के हवाले से दावा किया गया है कि प्रणव के इस्तीफे के बाद फिरहाद हकीम को उनके वार्ड से चुनाव लड़ाने की तैयारियां शुरू कर दी गई है। भाजपा के सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि फिरहाद जिस किसी भी वार्ड से चुनाव लड़ें, वहां पार्टी अपना उम्मीदवार जरूर खड़ा करेगी। संभवतः माकपा और कांग्रेस भी उम्मीदवार देने में पीछे नहीं हटेंगे। उल्लेखनीय है कि गत 23 नवंबर को कोलकाता के पूर्व मेयर शोभन चटर्जी से इस्तीफा लेने के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने फिरहाद हकीम को मेयर बनाने की घोषणा की थी।इसके लिए कोलकाता नगर निगम के मौजूदा प्रावधान में संशोधन कर विधानसभा के शीतकालीन सत्र में कोलकाता म्युनिसिपल कारपोरेशन (सेकंड अमेंडमेंट) बिल 2018 पास कराया गया है। पहले नियम था कि कोलकाता नगर निगम के किसी न किसी वार्ड से पार्षद के रूप में चुना गया व्यक्ति ही मेयर बन सकता है लेकिन शोभन चटर्जी को हटाने के बाद राज्य सरकार ने कोलकाता नगर निगम कानून में जो संशोधन किया है उसके अनुसार कोई भी व्यक्ति मेयर बन सकता है बशर्ते उसे शपथ लेने के छह महीने के अंदर किसी ने किसी वार्ड से पार्षद का चुनाव जीतना होगा। इसीलिए फिरहाद हकीम का मेयर के रूप में शपथ लेने के बाद से पार्षद के रूप में चुनाव जीतना अनिवार्य है और इसकी प्रक्रिया तृणमूल कांग्रेस ने शुरू कर दी है।
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