कोर्ट ने कहा, आपसी बातचीत से निकले रास्ता
शाह का आरोप, राज्य प्रशासन सत्तारूढ़ तृणमूल लिए कर रहा है काम
लेफ्ट राज से ज्यादा हिंसा ममता के राज में हो रही है
भाजपा अध्यक्ष शाह का बंगाल दौरा रद्द

कोलकाता।बंगाल में भाजपा की रथायात्रा के खटाई में पड़ने के बाद आज भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि बंगाल में रथयात्रा जरुर निकालेगें। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने आज साफ कहा कि पार्टी पश्चिम बंगाल में ‘‘ यात्राएं ’’ निश्चित तौर पर निकालेगी और उसे ऐसा करने से कोई भी नहीं रोक सकता है। कूचबिहार जिले से शुरू होने वाली भारतीय जनता पार्टी की रथयात्राओं को अनुमति देने से कलकत्ता उच्च न्यायालय की एकल पीठ के इंकार के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने शुक्रवार को अपना बंगाल दौरा रद्द कर दिया है।कलकत्ता उच्च न्यायालय ने एक दिन पहले भाजपा को कूचबिहार में ‘‘ रथयात्रा ’’ निकालने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था क्योंकि राज्य सरकार ने ऐसा होने पर हिंसा का अंदेशा जताया था। इधर रथयात्रा को लेकर कलकत्ता हाई कोर्ट ने स्थागन को हटा लिया है लेकिन न्यायधीश विश्वनाथ समाद्दार व अरन्दिम मुखर्जी के डिवीजन बेंच ने कहा कि फिलहाल जो स्थिति है ऐसे में रथयात्रा स्थागनादेश देना उचित नही होगा। डिवीजन बेंच ने निर्देश दिया कि 12 दिसम्बर को प्रिंसपल सचिव, गृह सचिव, पुलिस महानिदेशक व भाजपा के तीन प्रतिनीधि के साथ आपसी बातचीत के बाद ही निर्णय लिया जायएगा कि रथयात्रा कब कैसे और किस स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था के साथ निकाली जाएगी।
शाह ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘ हम निश्चित तौर पर यात्रााएं निकालेंगे और हमें कोई नहीं रोक सकता। पश्चिम बंगाल में बदलाव के प्रति भाजपा प्रतिबद्ध है। ‘यात्राएं’ रद्द नहीं, सिर्फ स्थगित हुई हैं।’’ ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पश्चिम बंगाल सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए शाह ने आरोप लगाया कि देश में सर्वाधिक सियासी हत्याएं राज्य में हुई हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ पूरा पश्चिम बंगाल प्रशासन सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के लिए काम कर रहा है।’’ मीडिया से बात करते हुए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि पश्चिम बंगाल में लोकतांत्रिक व्यवस्था का दहन हो रहा है। ममता सरकार लोकतंत्र का गला घोंट रही है। शाह ने आगे कहा कि ममता ने भाजपा यात्राएं रोकी हैं। लेफ्ट राज से ज्यादा हिंसा ममता के राज में हो रही हैं, माफिया जुर्म करते हैं और मंत्री पनाह देते हैं। ममता सरकार आतंकवाद पर नकेल कसने में नाकामयाब हुई है। अमित शाह ने कहा कि ममता बनर्जी को जितना जोर लगाना लगा लें, हम रथ यात्रा तो निकालकर रहेंगे और इसके लिए ईंट से ईंट बजा देंगे। उन्होंने बताया कि रथ यात्रा 7 दिसंबर, 9 दिसंबर और 14 दिसंबर से शुरू होना था। हमने प्रशासन से परमिशन मांगी थी। 2 और 12 और 20 नवंबर को रिमाइंडर भेजे गए। फिर 14, 20 और 23 नवंबर को पुलिस को रिमाइंडर भेजे गए लेकिन हमें परमिशन नहीं दी गई।वहीं भाजपा ने पश्चिम बंगाल में रथयात्रा की अनुमति से इनकार करने के कलकत्ता उच्च न्यायालय की एकल पीठ के फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय की खंडपीठ में शुक्रवार को अपील दाखिल की। न्यायमूर्ति बी सोमद्दर और न्यायमूर्ति ए मुखर्जी की खंडपीठ ने भाजपा को अपील दाखिल करने की अनुमति देते हुए कहा कि वह मामले में दोपहर 12:30 बजे सुनवाई करेगी।पीठ ने भाजपा के वकीलों को निर्देश दिया की सुनवाई के लिए मामला लिये जाने से पहले अपील की प्रतिलिपि पश्चिम बंगाल सरकार और अन्य प्रतिवादियों को दी जाए। उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने बृहस्पतिवार को कहा था कि वह कूचबिहार में भाजपा की रैली के लिए इस समय अनुमति नहीं दे सकती जिसे शुक्रवार को पार्टी अध्यक्ष अमित शाह को हरी झंडी दिखानी थी। इससे पहले पश्चिम बंगाल सरकार ने इस आधार पर आयोजन को अनुमति देने से मना कर दिया था कि इससे सांप्रदायिक तनाव फैल सकता है।अदालत ने पश्चिम बंगाल के सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिया कि भाजपा के सभी जिला अध्यक्षों का पक्ष सुनने के बाद पार्टी द्वारा निकाली जाने वाली ‘रथयात्रा’ रैलियों के आयोजन पर उसे 21 दिसंबर तक रिपोर्ट दें। न्यायमूर्ति तपब्रत चक्रवर्ती ने नौ जनवरी को सुनवाई के अगले दिन तक रैली स्थगित करने का निर्देश देते हुए कहा कि रथयात्रा की अनुमति देने की भाजपा की अर्जी को इस स्तर पर मंजूर नहीं किया जा सकता।इस बीच, भाजपा ने कहा है कि अदालत रथयात्रा की अनुमति भले नहीं दे, कूचबिहार में रैली जरूर आयोजित होगी। अगर इससे कानून व व्यवस्था की समस्या पैदा होती है तो उसके लिए सरकार व प्रशासन जिम्मेदार होगा। इससे पहले राज्य सरकार ने अदालत में पेश अपनी रिपोर्ट में कहा था कि उक्त रथयात्रा से इलाके में सांप्रदायिक सद्भाव बिगड़ने का अंदेशा है। इसके खिलाफ भाजपा ने कलकत्ता हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी। उसके आधार पर दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायमूर्ति तपोब्रत चक्रवर्ती ने रैली की अनुमति देने से इनकार कर दिया।

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