मोबाइल फोन के टावर लगाने के नाम पर लगाते थें चूना

कोलकाता। महानगर कोलकाता में ऐसे गरोह सक्रिय है जो विभिन्न मोबाइल कम्पनियों का टावर लगाने के नाम पर आम लोगों को लाखो रुपये का चूना लगा रहे है। ऐसा ही मामला साल्टलेक में सामने आया है। पुलिस ने महानगर कोलकाता के साल्टलेक और अन्य क्षेत्रों में विभिन्न मोबाइल कम्पनियों का टावर लगाने के नाम पर सैकड़ों लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी करने वाले तीन शातिर अपराधियों को धर दबोचा है। उक्त लोगों को बिधाननगर साइबर थाने की पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इनके नाम अभिजीत विष्णु, प्रियंका कर और सुजाता साधु हैं। अभिजीत कोलकाता के रीजेंट पार्क थाना इलाके का रहने वाला है जबकि प्रियंका नीमता की निवासी है। सुजाता साधु भी प्रियंका के घर के पास ही रहता है। इन तीनों को बुधवार की देर रात उनके आवास से छापेमारी कर बिधाननगर साइबरक्राइम थाने की पुलिस ने गिरफ्तार किया है। गुरुवार को इन्हें बिधाननगर कोर्ट में पेश किया गया जहां से सात दिनों के रिमांड पर लिया गया है। इसके पहले इस मामले में 11 लोगों की गिरफ्तारी हुई थी। इस बारे में पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इन तीनों ने उत्तर 24 परगना जिले के हाबरा में ऑफिस खोल रखा था जहां से टावर लगाने के नाम पर उद्योगपतियों और मकान मालिकों को फोन करते थे। इसके बाद जाकर उनसे मिलते थे अथवा अपने गुर्गों को मिलने के लिए भेज देते थे। उसके बाद उन लोगों की जमीन पर टावर लगाने के नाम पर करोड़ों रुपये ठगते थे।यहां तक कि कई लोगों को लोन दिलाने के नाम पर भी पैसे ठग लिए थे। गत 16 अगस्त को एक नामी टेलीकॉम कम्पनी ने बिधाननगर साइबर क्राइम के पास इससे सम्बन्धित शिकायत दर्ज कराई थी। कम्पनी ने आरो था कि उनके नेटवर्क प्रदाता का नाम लेकर टावर लगाने के नाम पर सैकड़ों लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी की जा रही है। इसके बाद बिधाननगर साइबर क्राइम की टीम घटना की जांच में जुट गई थी और 25 अगस्त को नौ लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया था।इनसे लगातार पूछताछ की जा रही थी। इसके बाद सितम्बर महीने में दो और लोगों को गिरफ्तार किया गया। इन सभी से जब एक साथ पूछताछ शुरू हुई तो बुधवार की रात गिरफ्तार किए गए तीनों मास्टरमाइंड के बारे में खुलासा हो सका। इसके बाद साइबर क्राइम की टीम लगातार इनकी तलाश में जुटी हुई थी।बुधवार की रात पुख्ता सूचना मिलने के बाद तीनों के घर पर छापेमारी की गई और इन्हें धर दबोचा गया। अब इनसे पूछताछ करके पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि इन लोगों ने कितने लोगों के साथ इस तरह से ठगी की है।
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