पेपरलेस व्यवस्था का विधायक और कर्मचारियों ने लिया प्रशिक्षण

कोलकाता। भले ही ई-विधान प्रणाली के बाद हिमाचल प्रदेश विधानसभा ने ई-कंसिजुएंसी मैनेजमेंट सिस्टम लागू कर देश में पहला स्थान बना लिया है।लेकिन इस कड़ी में पश्चिम बंगाल विधानसभा भी भले पिछड़ा क्यों रहे। इस राज्य में भी पेपरलेस (कागज रहित) यानी ई-विधानसभा करने के लिए विधानसभा के सभी कर्मचारियों, विधायकों समेत अन्य विभागों के अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। दो दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन सोमवार को ही शुरू किया गया था, जो आज पूरा हुआ है। पहले दिन, सोमवार को विधानसभा अध्यक्ष विमान बनर्जी की मौजूदगी में सचिव, विधानसभा में विपक्ष के नेता अब्दुल मन्नान, समेत माकपा विधायक दल के नेता सूजन चक्रवर्ती, विधानसभा के मुख्य संचेकतक व कई अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे। इन्हें पेपरलेस कार्य का प्रशिक्षण दिया गया। इंटरनेट के जरिए हर तरह का पेपरलेस कार्य करने का प्रशिक्षण विधायकों को दिया गया है। मंगलवार को इसी प्रकार का प्रशिक्षण विधानसभा के कर्मचारियों को भी मिला है। मूल रूप से किसी भी मुद्दे पर विधायकों का पक्ष, राय आदि ई-गैलरी के जरिये संरक्षित की जाएगी। विधानसभा के पूरे कार्य को डिजिटाइज करने की योजना राज्य सरकार ने बनाई है। इसके अनुसार केंद्रीय संसदीय मंत्रालय के सचिव और एनआईसी के डिप्टी डायरेक्टर इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान उपस्थित हुए थे। प्रश्नोत्तर पर्व से लेकर चर्चा और बजट का दस्तावेज, मतदान सब कुछ डिजिटलाइज्ड किया जाएगा। अध्यक्ष विमान बनर्जी ने बताया कि विधानसभा अब ई-विधानसभा हो जाएगा। इसके लिए तकनीक बहुत बड़ी मददगार होगी और सभी लोगों को इसके लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है।

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