कोलकाता। महानगर कोलकाता में अगलगी का क्रम जारी है। मलिकबाजार में स्थित न्यूरोसाइंस अस्पताल में सोमवार देर रात 2:45 बजे के करीब आग लग गई। अस्पताल में मौजूद रोगियों के परिजनों ने देखा कि अस्पताल परिसर में स्थित एक प्राइवेट बैंक के एटीएम में अचानक धुएं का गुबार निकलने के बाद आग की लपटें निकलने लगी थीं। आनन-फानन में अस्पताल प्रबंधन को सूचना दी गई। अस्पताल कर्मियों ने अपने स्तर पर आग बुझाने की कोशिश की लेकिन तब तक सूचना मिलने के बाद अग्निशमन विभाग की तीन गाड़ी भी मौके पर पहुंच गई थी और सुबह चार बजे तक आग पर पूरी तरह से काबू कर लिया गया। सूचना मिलने के बाद बड़ी संख्या में कोलकाता पुलिस की आपदा प्रबंधन टीम मौके पर पहुंची थी। उल्लेखनीय है कि अस्पताल में 160 रोगी इलाजरत हैं। इन्हें दूसरी जगह शिफ्ट करने की तैयारी कर ली गई थी लेकिन इसकी जरूरत नहीं पड़ी और अग्निशमन विभाग ने आग को काबू में कर लिया। हालांकि धुआं कुछ वार्डों में घुस गया था लेकिन इसकी वजह से किसी मरीज को परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा है। किस वजह से आग लगी इसकी जांच की जाएगी। अग्निशमन विभाग की ओर से प्राथमिक तौर पर अंदाजा लगाया जा रहा है कि संभवतः शॉर्ट-सर्किट की वजह से आग लगी थी लेकिन इसकी जांच के लिए अस्पताल प्रबंधन की ओर से कमेटी का गठन किया गया है। दमकल विभाग भी अपनी ओर से जांच करेगा।अक्टूबर महीने के बाद अस्पतालों में आग लगने की यह चौथी घटना है। इसके पहले कलकत्ता मेडिकल कॉलेज में भी तीन अक्टूबर को बड़ी आग लगी थी जिसे बुझाने में अग्निशमन विभाग की 10 गाड़ियों को करीब तीन घंटे से अधिक तक मशक्कत करनी पड़ी थी। इसमें पूरे अस्पताल में भर्ती मरीजों के इलाज के लिए मौजूद रखी गई एक महीने की पांच करोड़ रुपये की दवाइयां राख हो गई थीं। आग के धुएं में दम घुटने की वजह से 75 साल के एक रोगी की मौत हो गई थी।

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