जरा याद करें भारत माता के अमर सपूत डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को

वीरेन्द्र सिंह परिहार देश के उच्च कोटि के शिक्षा शास्त्री, देश की एकता और अखण्डता के संरक्षक, विभाजन के दंश से त्रस्त देशवासियों के तारणहार, राष्ट्रवादी विचारधारा से ओत-प्रोत, जनसंघ नामक‘ राजनीतिक पार्टी के सं...

दिलीप घोष ने उठाया क्रिकेट में भारत की हार पर आतिशबाजी पर सवाल

कोलकाता/ नदिया। आखिर क्रिकेट में पाकिस्तान से भारत की हार के बाद इस राज्य के कई जगहों पर उल्लास क्यों देखा जाता है। उक्त सवाल हम नहीं उठा रहें हैं बरन उक्त सवाल प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष दिलीप घोष ने उठाया। दिलीप...

खबरों के खजाने का सूखाग्रस्त क्षेत्र  …!!

तारकेश कुमार ओझा लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं। ब्रेकिंग न्यूज... बड़ी खबर...। चैनलों पर इस तरह की झिलमिलाहट होते ही पता नहीं क्यों मेरे जेहन में कुछ खास परिघटनाएं ही उमड़ने - घुमड़ने लगती है। मुझे ल...

दूर के रसगुल्ले , पास के गुलगुले …!!

लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं। तारकेश कुमार ओझा इसे जनसाधारण की बदनसीबी कहें या निराशावाद कि खबरों की आंधी में उड़ने वाले सूचनाओं के जो तिनके दूर से उन्हें रसगुल्ले जैसे प्रतीत होते हैं, वहीं नजदीक आने पर गुलगुल...

फिर दीदी की ‘हसरतों की नाव’ दिल्ली की ओर

जगदीश यादव  कोलकाता। देश में राष्ट्रपति चुनाव की तारीख के करीब आते ही देश की राजनीति में  नये राजनीतिक समीकरण के रंग को मोदी सरकार के विरोधी गाढ़ा करने के लिये हर सम्बावित कोशिश में जुट गये हैं। वहीं भाजपा द्व...

…प्लीज सर हमें अपना काम करने दें

'काश वह हमे सुन लेता' सागरद्वीप से लौटकर लेखक अभय बंग पत्रिका व अभयटीवी डाटकाम के सम्पादक है। जगदीश यादव हमलोग यानी मीडि़या के लगभग एक सौ लोग सगारद्वीप से गंगासागर मेले का कवरेज कर मुड़ीगंगा नदी को पार...

रेलवे स्‍टेशनों पर स्‍वच्‍छ शौचालय हमारा मिशन

ब्रांड अंबेसडर, स्वच्छ‍ रेल मिशन डॉ़ बिंदेश्‍वर पाठक पचास साल से शौचालय और सफाई को लेकर जारी मेरे काम का एक ही मकसद रहा है, स्वच्छता की संस्कृति को बदलना। 1960 के दशक तक तो स्वच्छता को लेकर खास संस्कृति भी ...

​कहीं हम आर्थिक अराजकता की ओर तो नहीं बढ़ रहे …

दीपक कुमार दासगुप्ता लेखक प्रख्यात ज्योतिषी व भविष्यवक्ता हैं और समाजसेवा के साथ भारतीय जीवन बीमा निगम से भी जुड़े हैं। महान मनीषी स्वामी रामकृष्ण परमहंस की एक प्रसिद्ध उक्ति है टाका – माटी आर माटी – ट...

​समय की रेत, घटनाओं के हवा महल …

  तारकेश कुमार ओझा     लेखक पश्चिम बंगाल के खड़गपुर में रहते हैं और वरिष्ठ पत्रकार हैं। बचपन में टेलीविजन के प र्दे पर देखे गए दो रोमांचक दृश्य भूलाए नहीं भूलते। पहला क्रिकेट का एक्शन रिप्ले और दूसरा ...

नोट पर रोक: जानिए, आखिर जनता की खुशी का क्या है राज…

लेखक वरिष्ट पत्रकार एवं सामाजिक कार्यकर्ता हैं मफतलाल अग्रवाल 500-1000 के नोट पर रोक के आदेश से जहां 16 दिन बाद भी पूरे देश में सड़क से लेकर संसद तक संग्राम छिड़ा है तो बैंक एवं एटीएम जनता की कसौटी पर खरे साबि...